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यरमियाह की आगाही को नज़रंदाज़ किया जाता है
1 यरमियाह ख़ामोश हुआ। जो कुछ भी रब उनके ख़ुदा ने यरमियाह को उन्हें सुनाने को कहा था उसे उसने उन सब तक पहुँचाया था।
2 फिर अज़रियाह बिन हूसायाह, यूहनान बिन अख़ीक़ाम और तमाम बदतमीज़ आदमी बोल उठे, “तुम झूट बोल रहे हो! रब हमारे ख़ुदा ने तुम्हें यह सुनाने को नहीं भेजा कि मिसर को न जाओ, न वहाँ आबाद हो जाओ।
3 इसके पीछे बारूक बिन नैरियाह का हाथ है। वही तुम्हें हमारे ख़िलाफ़ उकसा रहा है, क्योंकि वह चाहता है कि हम बाबलियों के हाथ में आ जाएँ ताकि वह हमें क़त्ल करें या जिलावतन करके मुल्के-बाबल ले जाएँ।”
4 ऐसी बातें करते करते यूहनान बिन क़रीह, दीगर फ़ौजी अफ़सरों और बाक़ी तमाम लोगों ने रब का हुक्म रद्द किया। वह मुल्के-यहूदाह में न रहे
5 बल्कि सब यूहनान और बाक़ी तमाम फ़ौजी अफ़सरों की राहनुमाई में मिसर चले गए। उनमें यहूदाह के वह बचे हुए सब लोग शामिल थे जो पहले मुख़्तलिफ़ ममालिक में मुंतशिर हुए थे, लेकिन अब यहूदाह में दुबारा आबाद होने के लिए वापस आए थे।
6 वह तमाम मर्द, औरतें और बच्चे बादशाह की बेटियों समेत भी उनमें शामिल थे जिन्हें शाही मुहाफ़िज़ों के सरदार नबूज़रादान ने जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम के सुपुर्द किया था। यरमियाह नबी और बारूक बिन नैरियाह को भी साथ जाना पड़ा।
7 यों वह रब की हिदायत रद्द करके रवाना हुए और चलते चलते मिसरी सरहद के शहर तहफ़नहीस तक पहुँचे।
शाहे-बाबल के मिसर में घुस आने की पेशगोई
8 तहफ़नहीस में रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ,
9 “अपने हमवतनों के देखते देखते चंद-एक बड़े पत्थर फ़िरौन के महल के दरवाज़े के क़रीब ले जाकर गारे की मदद से फ़र्श की कच्ची ईंटों में दबा दे।
10 फिर उन्हें बता दे, ‘रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि मैं अपने ख़ादिम शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र को बुलाकर यहाँ लाऊँगा और उसका तख़्त उन पत्थरों के ऊपर खड़ा करूँगा जो मैंने यरमियाह के ज़रीए दबाए हैं। नबूकदनज़्ज़र उन्हीं के ऊपर अपना शाही तंबू लगाएगा।
11 क्योंकि वह आएगा और मिसर पर हमला करके हर एक के साथ वह कुछ करेगा जो उसके नसीब में है। एक मर जाएगा, दूसरा क़ैद में जाएगा और तीसरा तलवार की ज़द में आएगा।
12-13 मैं मिसरी देवताओं के मंदिरों को जला दूँगा। शाहे-बाबल उन्हें राख करेगा। वह उनके बुतों पर क़ब्ज़ा करके उन्हें अपने साथ ले जाएगा। जिस तरह चरवाहा चादर ओढ़ लेता है उसी तरह वह मुल्के-मिसर ओढ़ लेगा। मिसर आते वक़्त वह सूरज देवता के सतूनों को ढा देगा। हाँ, वह मिसरी देवताओं के मंदिर नज़रे-आतिश करेगा। तब वह सही-सलामत वहाँ से वापस चला जाएगा’।”